'छवि'
दीदी की तुम प्यारी गुडिया, सृष्टि की वरदान,
इस घर की शोभा बनी रहो, सदा लिए मुस्कान.
प्यार दिया, पहचान दिया, दीदी ने छवि नाम रखा,
तुमसे है अभिलाषा, सबने पलक - पाँवड़े बिछा दिया.
इतना प्यार मिले सबका कि घर सुखमय हो जाए,
नन्ही सी 'छवि' की छवी सबके मन बस जाए.
जीवन के हर पहलू में, छवी तुम्हारी बनी रहे,
सद्गुण, शील और विनम्र व्यवहार तुम्हारा सदा रहे.
स्नेहाशीष,
तुम्हारे दादू
No comments:
Post a Comment