(During my visit to Kashmir in March 2012)
श्वेत धवल दिव्य शैल,
श्वेत धवल हिमज शैल,
गगन निकट, किरण प्रतीत,
वायु भीषण, प्रचंड शीत,
जन-जंतु वन विहंग,
अदृश्य सर्व सृष्टि भंग,
ब्रह्मा, केशव, चंद्रचूड़,
देवी शक्ति रहस्य गूढ़,
चतुर्दिश ध्वनिराहित प्रबुद्ध,
ह्रदय स्पंदित किन्तु निस्तब्ध,
सरिता भूमि अति परिष्कार,
सुमन-सौरभ नाना-प्रकार,
श्रुति, कृति संग ॐ-नाद,
मन-मानस अद्भुत उन्माद,
प्रकृति छवि अति सुप्रिय,
नमामि नमामि हरिप्रिय I
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